लोग अक्सर हमें पुछा करते हे :आप हो क्यूं इतने काले? हम हँसके कह देते है :बस यूँ हीं ! हमारे अंदाज़ है कुछ निराले हम तो है गोरीयों के दिल चूरानेवाले ! गर होता है शक तो ,पूछ लो उस श्यामको , जिसने खेले गोपियों संग रास रसीले । लोग अक्सर हमेंपुछा करते हे :आप हो क्यूं इतने काले? हम हँसके कह देते है :बस यूँ हीं ! हमारे अंदाज़ है कुछ निराले, हम तो है दानवों का गुमान चूर करनेवाले | गर होता है शक तो ,पूछ लो उस रामको , जिसने दशानन के दसों सिर काट डाले ! लोग अक्सर हमें पुछा करते हे :आप हो क्यूं इतने काले? हम हँसके कह देते है :बस यूँ हीं ! हमारे अंदाज़ है कुछ निराले । हम तो है संसार भुजंग के ज़हर चूसनेवाले ! गर होता है शक तो ,पूछ लो उस नीलकंठ को , जिसने थे धरे मुंहसे विष के प्याले !
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